Friday, August 17, 2012

ओ-खुदा तू आज याद आया!


गम के बादल में क्यों ऐसे घिरा,
खुदा की नज़रों में यु गिरा,
ओ - खुदा - ओ - खुदा, तू आज याद आया,
खुद से जो मैं परेशां, चाहता हु तेरा साया!

सासे चल रही, महसूस नहीं होता कुछ हैं पाया,
ढलते सूरज की यह है माया,
जीवन से मांग रहे जीने का किराया,
ओ - खुदा - ओ - खुदा, तू आज याद आया,
खुद से जो मैं परेशां, चाहता हु तेरा साया!

No comments:

Post a Comment