Tuesday, April 30, 2013

ख्वाब और हकीकत



सासों की खुशबू की रवानी,
दिल में जगा गए प्रेम की कहानी,
प्यारी परी वो मेरी सुहानी,
सपने से जगाया अम्मा ने मुह पे मारकर पानी!

उनकी आखों में मै खोया था,
उनकी बाहों में मै सोया था,
प्यार का बीज बस बोया ही था,
अब्बू के चाटे से रोया भी था !

मन में है एक आस,
तभी थो चल रही सास,
बनजाऊ मै कुछ इतना ख़ास,
सभी के दिल को आजाऊ रास!

नाच गाने का नहीं कोई ढंग,
दिल की आवाज़ का घोले ये रंग,
झूमकर लाता ये अपनी एक तरंग,
बोल और भाषा की नहीं कोई जंग,
झूम उठता प्रत्येक रोम रोम और अंग,
नृत्य के इस अर्थ को कैसे करोगे भंग?
प्यारी इसकी बोली, प्यारा इसका अगन,
नाच गाना ही थो है सच्ची  मन की लगन !

2 comments:

  1. बड़े दिनों बाद लिखा भाई , लेकिन दिल खुश कर दिया

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  2. bhaiya ji, dhanyavad.

    Haan shuru kia hai fir se. This time it will be regular :)

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