Sunday, August 7, 2011

दोस्ती का प्यारा दिवस !

दोस्ती का प्यारा रिश्ता बड़ा है अनमोल,
अजीब है इसकी बोली, अजीब है इसका रोल,
ज़िन्दगी के राहों में साथ साथ चल,
हर एक नये दिन के साथ है अपने राज़ खोल!

जहा एक का मजाक दूसरे की हसी,
जहा एक की तकलीफ, बनी दूसरे की भी,
एक दूसरे को साथ ले बनाते हुए यादों की मीठी सी कड़ी,
प्रत्येक दिन जहा बजती है खुशियों से आतिश्वादियों की लड़ी!

नाम से थो किसी दोस्त ने आज तक नहीं बुलाया,
गाली-गमन की उप्लाप्धियों की यही है माया,
दोस्तों का माहोल जभी बन पाया,
खुशियों की मानो फ़ैल रही है छाया!

एक दिन मुश्किल था दोस्त तेरे बिन,
कैसे भूल सखता हु मैं तुझे आज के दिन!
दोस्ती दिवस तुझे मुबारक हो मेरे यार,
आपके लिए लाया हू इस कविता का उपहार!

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